Availability and Definition of Minerals | खनिजों की उपलब्धता एवं परिभाषा

Availability and Definition of Minerals

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खनिज पदार्थों को सामान्यतः दो वर्गों में बाँटा जा सकता है-

  1. धात्विक खनिज-इसके अन्तर्गत आने वाले खनिजों को खदानों स निकालकर साफ करन हैं जिससे उनमें विशेष प्रकार की चमक आ जाती है। इसमें सोना, चाँदी, ताँवा, जस्ता, लोहा, सीसा एसे ही खनिज हैं।
  2. अधात्विक खनिज-इन खनिजों को साफ नहीं किया जाता। इनको केवल खुरचकर और काटकर विभिन्न आकृतियों में बदला जाता है। इनमें कोयला, चूना पत्थर, गन्धक, जिप्सम, नमक, खनिज तेल आदि इसके उत्तम उदाहरण है।

इसी वर्ग में कोयला, प्राकृतिक गैस, अणु खनिज तथा खनिज तेल शक्ति उत्पादन के काम में आने वाले खनिज होने से उन्हें’ खनिज ईंधन’ कहा जाता है। Availability and Definition of Minerals

शक्ति के साधनों को हम दो भागों में बाँट सकते हैं-

  1. परम्परागत स्रोत-लकड़ी, कोयला, खनिज तेल एवं प्राकृतिक गैस तथा जल विद्युत।
  2. गैर-परम्परागत स्रोत-सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, बायो गैस तथा ज्वारीय ऊर्जा, जल विद्युत, परमाणु ऊर्जा, गर्म जल के सोते, गेसर एवं भूतापीय ऊर्जा शक्ति के अन्य संसाधनों के अन्तर्गत आते हैं।

सामान्यतः खनिज ‘अयस्कों के रूप में पाए जाते हैं। किसी भी खनिज में अन्य अवयोंयालयों के मित्रण या संचयन के लिए ‘अयस्क शब्द का प्रयोग किया है। खनन का आर्थिक महत्त्व तभी है जब अयस्क में खनिजों का संचयन पर्याप्त मात्रा में हो। खनिजों के खनन की सुविधा इसके निर्माण व संरचना पर निर्भर है। खनन सुविधा इसके मूल्य को निर्धारित करती है Availability and Definition of Minerals

यह एक आधारभूत खनिज है तथा औद्योगिक विकास का आधार है, विकास की रीढ़ है। भारत में लौह अयस्क के विपुल संसाधन विद्यमान हैं। भारत उच्चकोटि के लोहांशयुक्त लौह अयस्क में धनी है। मैग्नेटाइट सर्वोत्तम प्रकार का लौह अयस्क है जिसमें 70 प्रतिशत लोहांश पाया जाता है। इसमें सर्वश्रेष्ठ चुंबकीय गुण होते हैं, जो विद्युत उद्योगों में विशेष रूप से उपयोगी हैं। Availability and Definition of Minerals

हेमेटाइट सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण औद्योगिक लौह अयस्क है जिसका अधिकतम मात्रा में – उपभोग हुआ है। किंतु इसमें लोहांश की मात्रा मैग्नेटाइट की अपेक्षा थोड़ी-सी कम होती है। (इसमें लोहांश 50 से 60 प्रतिशत तक पाया जाता है Availability and Definition of Minerals

भारत में अलौह खनिवों की संचित राशि व उत्पादन अधिक संतोषजनक नहीं है। अलौह खनिज में ताँचा, बॉक्साइट, सीसा और सोना आते हैं, जो धातु शोधन, इंजीनियरिंग व विद्युत उद्योगों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। Availability and Definition of Minerals

Important Definitional Word

शब्दशब्द विश्लेषण
1.खनिजखनिज एक प्राकृतिक रूप से विद्यमान समरूप तत्व है जिसकी एक निश्चित आतरिक संरचना है। खनिज एक प्राकृति अकार्बनिक पदार्थ है जिसमें कठोरता, रंग और एक निश्चित आकार होता है।
2.खनिज अयस्कभूमि से खोदकर निकाले गए धातुओं के कच्चे रूप को खनिज अयस्क कहते हैं। इनमें अशुद्धियों का मिश्रण होता है जैसे-लौह अयस्क।
3.धात्विक खनिजजिन खनिजों से धातु प्राप्त होती है जिसमें चमक होती है तथा जिनको पीस कर चद्दरों के रूप में ढाला जा सकता है और तारो के रूप में खींचा जा सकता है। लोहा और सोना धात्विक खनिजों में शामिल किए जाते हैं।
4.अधात्विक खनिजअधात्विक खनिजों में धातु प्राप्त नहीं होती। इन खनिजों में चमक नहीं होती है। ये कूटते पीसने पर दूर जाते हैं. जैसे-अभ्रक ,संगमरमर, कोयला आदि।
5.खननवह आर्थिक कार्य जिसमें भूगर्भ से व्यावसायिक स्तर पर लाभदायक खनिज पदार्थों का खनन या निष्कर्षण किया जाता है. खनन कहलाता है।
6.खनिज तेलभूगर्भ में पाया जाने वाला द्रव रूप में हाइड्रोकार्बन का एक मिश्रण जिसे सामान्यतः पेट्रोलियम भी कहते हैं अर्थात बिना स किए गए तेल को खनिज तेल या कच्चा तेल कहते हैं।
7.जीवाश्म ईंधनपेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस कोयला जैसे अधात्विक खनिज पदार्थ-जिनका उपयोग ईंधन के रूप में किया जाता है। जीवाश्म ईंधन या खनिज इंधन कहलाते हैं।
8.लौह खनिजऐसे खनिज जिसमें लोहे के अंश होते हैं, लौह खनिज कहलाते हैं, जैसे- मैंगनीज अयस्क क्रोमियम, कोबाल्ट, रंगस्टर निकिल आदि।
9.अलौह खनिजजिन खनिज अयस्कों में लोहे के अंश नहीं होते, उन्हें अलौह खनिज कहते हैं। ताँबा, अयस्क, टिन, जिंक, सोना, चांदी सीसा, जस्ता आदि अलौह खनिज हैं।
10.लिग्नाइटएक निम्न श्रेणी का भूरे रंग का भंगुर कोयला, जिसमें नमी अधिक तथा तापशक्ति कम होती है. लिग्नाइट कहलाता है।
11.सी. एन. जी. वाहनों को चलाने में प्रयोग होने वाली प्राकृतिक गैस सी. एन. जी. (कॉम्प्रेस्ड नेचुरल गैस) कहलाती है।
12.एल पी. जी.घरेलू उपयोग में लायी जाने वाली प्राकृतिक गैस एल पी. जी. (लिक्विीफाइड पेट्रोलियम गैस) कहलाती है।
13.ऊर्जा खनिजवे खनिज जिनके प्रयोग से ऊर्जा प्राप्त होती है. ऊर्जा खनिज कहे जाते हैं।
14.प्लेसर निक्षेपपहाड़ियों के आधार तथा घाटी तल के रेत में जलोड़ जमाव के रूप में पाए जाने वाले खनिज प्लेसर निक्षेप के नाम से जाने जाते हैं।
15.कर्दमतरल अवस्था में खनिज का परिवर्तन।
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