Main Crops of India
देश के विभिन्न क्षेत्रों में मिट्टी, जलवायु और कृषि पद्धति में अंतर के कारण अनेक तरह की खाद्य और अखाद्य फसलें उगायी जाती हैं। चावल, गेहूँ, मोटे अनाज, दालें, चाय, कॉफी, गन्ना, तिलहन, कपास और जूट भारत में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलें हैं।
चावल:- चावल हमारे देश में अधिकांश लोगों का प्रमुख खाात्र है। चीन के बाद भारत विश्व में दूसरा सबसे बड़ा चावल उत्पादक देश है। खरीफ की इस फसल को उगाने के लिए 25° सेल्सियस से अधिक तापमान और 100 सेमी से अधिक वर्षा की आवश्यकता होती है। कम वर्षा वाले क्षेत्रों में इसे उगाने के लिए सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है। चावल भारत के उत्तर और उत्तर पूर्वी मैदानों. तटीय क्षेत्रों और डेल्टाई प्रदेशों में उगाया जाता है। नहरों के जाल एवं नलकूपों की सघनता के कारण पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ कम वर्षा वाले क्षेत्रों में चावल की फसल को उगाना संभव हो पाया है। Main Crops of India
गेहूँ:- चावल के बाद गेहूं भारत की दूसरी प्रमुख खाद्य फसल है जो देश के उत्तर एवं उत्तर पश्चिमी भागों में पैदा की जाती है। रवी की इस फसल को उगाने के लिए शीत ऋतु और पकने के समय खिली धूप की आवश्यकता होती है। गेहूँ की फसल के लिए 50 से 75 सेमी तक वर्षा की आवश्यकता होती है। भारत में गेहूँ उगाने वाले दो प्रमुख क्षेत्र क्रमशः इस प्रकार हैं-उत्तर-पश्चिम में गंगा-सतलुज का मैदान और दक्कन का काली मिट्टी वाला प्रदेश। भारत में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश गेहूं पैदा करने वाले प्रमुख राज्य हैं। Main Crops of India
बाजरा:- बाजरा बलुआ और उथली मिट्टी पर उगाया जाता है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और हरियाणा भारत के प्रमुख वाजरा उत्पादक राज्य हैं। रागी शुष्क प्रदेशों में उगायी जाने वाली फसल है और यह लाल, काली, बलुआ, दोमट और उथली काली मिट्टी पर उगायी जाती है। कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, सिक्किम, झारखण्ड और अरुणाचल प्रदेश देश के प्रमुख रागी उत्पादक राज्य हैं।
मक्का:- इस फसले का प्रयोग खाद्यान और पशुओं के लिए चारा दोनों रूपों में किया जाता है। मक्का खरीफ की फसल है। इसके लिए 21° सेल्सियस से 27° सेल्सियस तापमान और पुरानी जलोढ़ मिट्टी उपयुक्त होती है। बिहार आदि कुछ राज्यों में मक्का रबी की ऋतु में भी उगाई जाती है। आधुनिक प्रौद्योगिक निवेशों जैसे उच्च उपज प्रदान करने वाले बीजों, उर्वरकों और सिंचाई के उपयोग से मक्का का उत्पादन बढ़ा है। कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश देश के प्रमुख मक्का उत्पादक राज्य हैं। Main Crops of India
दालें:- विश्व में भारत दालों का सबसे बड़ा उत्पादक व उपभोक्ता है। दाल शाकाहारी भोजन में प्रोटीन का सर्वाधिक प्रचुर स्रोत है। तुर (अरहर), उड़द, मूंग, मसूर, मटर और चना देश की प्रमुख दलहनी फसलें हैं। दालों को कम नमी की आवश्यकता होती है और इन्हें शुष्क परिस्थितियों में भी उगाया जा सकता है। फलीदार फसलें होने के नाते अरहर को छोड़कर अन्य सभी दालें वायु से नाइट्रोजन लेकर भूमि की उर्वरता को बनाए रखती हैं। अतः इन फसलों को आमतौर पर अन्य फसलों के आवर्तन (rotating) में बोया जाता है। भारत में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक दाल के मुख्य उत्पादक राज्य हैं। Main Crops of India
गन्ना:– उष्ण और उपोष्ण कटिबन्धीय फसल गन्ना के लिए 21° सेल्सिय से 27° सेल्सियस तापमान और 75 सेमी से 100 सेमी वार्षिक वर्षा की आवश्यकता होती है। गन्ना उष्ण और आर्द्र जलवायु में बोया जाता है। कम कां वाले प्रदेशों में सिंचाई की आवश्यकता होती है। इसे अनेक मिट्टियों में उगा जा सकता है तथा इसके लिए बुआई से लेकर कटाई तक काफी शारीरिक र की आवश्यकता होती है।
ब्राजील के बाद भारत गन्ने का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। यह चीनी, गुड़, खांडसारी और शीरा बनाने के काम आता है। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, पंजाब और हरियाणा गन्ना के मुख्य उत्पादक राज्य हैं। Main Crops of India
चाय:- यह एक प्रकार की रोपण कृषि का उदाहरण है। यह एक प्रमुख पंथ पदार्थ की फसल है जिसे अंग्रेज भारत में लाए थे। वर्तमान में अधिकांश चाय बागानों का स्वामित्व भारतीयों के पास है। चाय का पौधा उष्ण और उपोष्ण कटिबन्धीय जलवायु, ह्युमस और जीवांश युक्त गहरी मिट्टी तथा सुगम जल निकास वाले ढलवाँ क्षेत्रों में भलीभाँति उगाया जाता है। चाय की झाड़ियों को जाने के लिए वर्षभर कोष्या, नम और पालारहित जलवायु की आवश्यकता होते हैं। Main Crops of India
वर्षभर समान रूप से होने वाली वर्षा की बौछारें इसकी कोमल पत्तियों के विकास में सहायक होती हैं। चाय एक श्रम-सघन उद्योग है। इसके लिए प्रचुर में सस्ता और कुशल श्रम चाहिए। इसकी ताजगी बनाए रखने के लिए चाय की पतिर्षा बागान में ही संसाधित की जाती हैं। चाय के मुख्य उत्पादक क्षेत्रों में असम, पश्चिमी बंगाल में दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी जिलों की पहाड़ियाँ, तमिलनाडु और केरल हैं। इनके अलावा हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, मेघालय, आध्र प्रदेश और त्रिपुरा आदि राज्यों में भी चाय उगाई जाती है। सन् 2017 में इारत विश्व में चीन के बाद दूसरा बड़ा चाय उत्पादक देश था। Main Crops of India
कॉफी:- अपनी गुणवत्ता के चलते भारतीय कॉफी विश्व विख्यात है। भारत में अरेबिका किस्म की कॉफी पैदा की जाती है जो आरम्भ में यमन से लाई गई थी। इस किस्म की कॉफी की विश्वभर में अधिक माँग है। इसकी कृषि की शुरुआत बाबा बूदन पहाड़ियों से हुई और आज भी इसकी खेती नीलगिरि की पहाड़ियों के आस-पास कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में की जाती है। Main Crops of India
बागवानी फसलें:- बागवानी फसलें वर्ष 2017 में फलों और सब्जियों के उत्पादन में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान था। भारत में उष्ण और उपोष्ण दोनों ही प्रकार के फलों का उत्पादन किया जाता है। भारतीय फलों में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बंगाल में आम, नागपुर और चेरापूँजी (मेघालय) के संतरे, केरल, मिजोरम, महाराष्ट्र और तमिलनाडु के केले, उत्तर प्रदेश और बिहार की लीची, मेघालय के अनन्नास, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र के अंगूर तथा हिमाचल प्रदेश और जम्मू व कश्मीर के सेब, नाशपाती, खूबानी और अखरोट की विश्वभर में बहुत माँग है। भारत विश्व की लगभग 13 प्रतिशत सब्जियों का उत्पादन करता है। भारत का मटर, फूलगोभी, प्याज, बंदगोभी, टमाटर, बैंगन और आलू उत्पादन में प्रमुख स्थान है। Main Crops of India
कपास :- कपास को भारत का मूल पौधा माना जाता है। कपास सूती वस्त्र आयोग में प्रयुक्त एक प्रमुख कच्चा माल है। कपास उत्पादन में भारत का विश्व में बीन के बाद दूसरा स्थान है। दक्कन पठार के शुष्कतर भागों में काली मिट्टी कपास उत्पादन के लिए उपयुक्त मानी जाती है। इस फसल को उगाने के लिए
उच्च तापमान, हल्की वर्षा या सिंचाई, 210 पाला रहित दिन और खिली धूप की आवश्यकता होती है। यह खरीफ की फसल है और इसे पककर तैयार होने में 6 से 8 महीने लगते हैं। महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश कपास के मुख्य उत्पादक राज्य हैं। Main Crops of India
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