Hello friend, welcome to our 110 + Best Emotional Bachpan Status In Hindi | Childhood Memories Status, Shayari Quotes in Hindi post. In which you will get to read Bachpan Status in Hindi, Bachpan Emotional Status in Hindi, Bachpan Shayari in Hindi, Childhood Memories Status in Hindi, Bachpan Quotes in Hindi.
Children should have a simple childhood in which they remain free from all responsibilities and tasks. No child should be treated with caste discrimination or untouchability in childhood. Childhood should be full of mischief and their childhood should be like a beautiful dream. Their life should be filled with love from parents and all family members. The age from birth to approximately 12 years is called childhood. In which children between the age of birth to 3 years are called newborn babies. We hope that you will like our Bachpan Status In Hindi very much. So let’s start reading this post
All Contents
- 1 Bachpan Status in Hindi
- 1.1 Bachpan Emotional Status in Hindi
- 1.2 Childhood Memories Status in Hindi
- 1.3 Bachpan Shayari in Hindi
- 1.4 Bachpan Quotes in Hindi
- 1.5 Bachpan Attitude Status in Hindi
- 1.6 Bachpan Ki Dosti Status in Hindi
- 1.7 Bachpan Ka Pyra Status in Hindi
- 1.8 Bachpan ki yaadein in Hindi
- 1.9 बचपन की मासूमियत शायरी
- 1.10 बचपन स्टेटस इन हिंदी
- 1.11 गांव की बचपन की यादें
- 1.12 Contusions
Bachpan Status in Hindi
हम भी मुस्कराते थे कभी बेपरवाह अन्दाज़ से
देखा है आज खुद को कुछ पुरानी तस्वीरों में
उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में
फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते
आज सात बजे बारिश तो हुई
पर छुट्टी का बहाना बनाने के लिए स्कूल नहीं था।
इंसान जब बच्चा होता है तब शैतानियां कर के भी मासूम कहलाता है,
पर जब बड़ा होता है तब मासूम रह कर भी शैतान कहलाता है।
वो बचपन ही था जब आँख मूँद कर
हर बात पर विशवास कर लिया करते थे
आज बड़े होने पर कितना भी यक़ीन दिला लो
किसी पर भरोसा नहीं होता।
आँख बंद होते ही खेलने के सपने और
आँख खुलते ही खेलने का ख्याल आता था
कुछ ऐसा ही बचपन था मेरा।
मोहल्ले में अब रहता है पानी भी हरदम उदास
सुना है पानी में नाव चलाने वाले बच्चे अब बड़े हो गए
ईमान बेचकर बेईमानी खरीद ली
बचपन बेचकर जवानी खरीद ली
न वक़्त, न खुशी, न सुकून
सोचता हूँ ये कैसी जिन्दगानी खरीद ली ।
याद आता है वो बीता बचपन,,
जब खुशियाँ छोटी होती थी,,
बाग़ में तितली को पकड़ खुश होना
तारे तोड़ने जितनी ख़ुशी देता था..
मुझे फिर से वो कल्पना के धागों से बने
कम्बल औढ़ा दे ऐ-ज़िन्दगी, या
तो बचपन लौट जाए या
मुझे बचपन की और लौटा दे ऐ-ज़िन्दगी।
रोने की वजह ना थी ना हँसने का बहाना था
क्युँ हो गऐे हम इतने बडे.. ?
इससे अच्छा तो वो बचपन का जमाना था
इतनी चाहत तो लाखो रुपए पाने की भी नहीं होती,
जितनी बचपन की तस्वीर देखकर बचपन में जाने की होती है ।
किताबों से निकल कर तितलियाँ ग़ज़लें सुनाती हैं
टिफ़िन रखती है मेरी माँ तो बस्ता मुस्कुराता है
बहाना नहीं चाहिए होता था खुश होने का,
ना रोने की कोई ठोस वजह होती थी,
ना डांटता था कोई गलतियों पर मुझे,
ना गलतियों की कोई ठोस सजा होती थी।
काश मैं लौट जाऊं बचपन की उन हसीं वादियों में
ऐ जिंदगी जब न तो कोई जरूरत थी और न ही कोई जरूरी था
फिर से लौटा दे मुझे वो बचपन के दिन,
ज़िन्दगी में कम से कम सुकून से बैठने के लिए
रविवार का इंतज़ार तो नहीं करना पड़ेगा।
दिन बचपन के किसी को ठीक से याद नहीं रहते,
पर याद बचपन के दिनों को सब बहुत ठीक से करते हैं
Bachpan Emotional Status in Hindi
कमाल होता है उन गरीब बच्चों का बचपन भी
वो चलना सीखते ही घर चलाना सीख लेते हैं।
बचपन का दौर था या बस एक लम्हा भर था,
पलख झपकते ही न जाने हम कब इतने बड़े हो गए।
कभी कंचे तो कभी चक्का बचपन में खिलौने कम नहीं थे,
पर बचपन के दिन काफी कम थे।
दूर मुझसे हो गया बचपन मगर
मुझमें बच्चे सा मचलता कौन है
बचपन के दिन भी क्या खूब थे
सपने तब भी देखा करते थे,
बस उन्हें पूरा करने का डर नहीं था।
चार दोस्त ,दो साइकिल ,खाली जेब, और पूरा शहर. जनाब,
हमारा एक खूबसूरत दौर ये भी था ज़िंदगी का,
उस दौर में हम सोचा करते थे की कुछ बेहतर हासिल करेंगे ,
हमें क्या पता था की उससे बेहतर कुछ था ही नहीं.
चलो आज बचपन का कोई खेल खेलें,
बडी मुद्दत हुई बेवजह हँसकर नही देखा
बचपन मे तो शामें भी हुआ करती थी
अब तो बस सुबह के बाद रात हो जाती है
हसरतें हस्ती बनने की नहीं मस्ती करने की हुआ करती थी,
उस दौर में मेरी उम्र यही कुछ 4,5 साल की हुआ करती थी।
बचपन का वो दौर सबको प्यारा होता है,
क्यूंकि बच्चे को कोई अपना दुश्मन नहीं समझता
वो सबका प्यारा होता है।
फ़क़त माल-ओ-ज़र-ए-दीवार-ओ-दर अच्छा नहीं लगता
जहाँ बच्चे नहीं होते वो घर अच्छा नहीं लगता
कौन कहता है कि बचपन वापस नही आता
दो घड़ी अपनी माँ के पास बैठ कर तो देखो,
खुद को बच्चा महसूस ना करो” तो फिर कहना ।
क्या खूब बीता वो दौर बचपन का,
बस पता न लग सका की कब बीता दौर बचपन का।
हाल मेरे देश के बच्चों का कोई तो सुधार दो
उसे किताब की दूकान पर बैठने से पहले
कम से कम पढ़ना तो सीखा दो।
आशियाने जलाये जाते हैं जब तन्हाई की आग से,
तो बचपन के घरौंदो की वो मिट्टी याद आती है
याद होती जाती है जवां बारिश के मौसम में तो,
बचपन की वो कागज की नाव याद आती है ।
Childhood Memories Status in Hindi
कुछ ज़्यादा नहीं बदला बचपन से अब तक,,
बस अब वो बचपन की जिंद समझौते में बदल रहीं है
काश कुछ देर और चलता वो दौर बचपन का,
ये सन्नाटा नहीं भाता चालाकियों का एक पल भी मुझे,
वो मासूम शौर ही पसंद हैं बचपन का।
किसने कहा बचपन आज़ाद होता है
वो बच्चा अपनी गरीबी के हालातों का गुलाम था।
बचपन में आकाश को छूता सा लगता था,
इस पीपल की शाख़ें अब कितनी नीची हैं ।
देर तक हँसता रहा उन पर हमारा बचपना
जब तजुर्बे आए थे संजीदा बनाने के लिए
सर पर ज़िम्मेदारियों का बोझ नहीं
शरारतें सवार हुआ करती थी,
वो दौर-ऐ बचपन भी कितना हसीं था।
काग़ज़ की कश्ती थी, पानी का किनारा था
खेलने की मस्ती थी, ये दिल अवारा था
कहाँ आ गए इस समझदारी के दलदल मे
वो नादान बचपन भी कितना प्यारा था.
कितने खुबसूरत हुआ करते थे बचपन के वो दिन
सिर्फ दो उंगलिया जुड़ने से दोस्ती फिर से शुरु हो जाया करती थी
हँसते खेलते गुज़र जाये वैसी शाम नही आती
होंठो पे अब बचपन वाली मुस्कान नही आती
एक हाथी एक राजा एक रानी के बग़ैर
नींद बच्चों को नहीं आती कहानी के बग़ैर
यह ज़िन्दगी खूबसूरत ना कहलाती
अगर बचपन इसका हिस्सा ना होता।
किसने कहा नहीं आती वो बचपन वाली बारिश
तुम भूल गए हो शायद अब नाव बनानी कागज़ की
इक खिलौना जोगी से खो गया था बचपन में
ढूँढता फिरा उस को वो नगर नगर तन्हा
बचपन में लगी चोट पर मां की हल्की-हल्की फूँक,
और कहना कि बस अभी ठीक हो जाएगा
वाकई अब तक कोई मरहम वैसा नहीं बना ।
पूरा दिन काम कर जेब उस बच्चे की चिल्लर से भरी हुई थी
पर उसे खाने का वक़्त नहीं मिला इसलिए पेट खाली था।
बचपन की यादे मिटाकर बड़े रास्तों पे कदम बढ़ा लिया
हालात ही कुछ ऐसे हुए की बच्चे से बड़ा बना दिया.
Bachpan Shayari in Hindi
बचपन की बेहद खूबसूरत बात यह थी की,
इसका हर एक पल बेहद खूबसूरत होता था।
जिंदगी फिर कभी ना मुस्कुराई बचपन की तरह,,
मैंने मिट्टी भी जमा की, खिलौने भी लेकर देखे
बचपन में हम ही थे या था और कोई
वहशत सी होने लगती है यादों से
दुःख की बात है की बचपन में बचपना सभी को प्यारा लगता है,
और जवानी में बचपना बचकाना लगने लगता है।
पुरानी अलमारी से देख मुझे खूब मुस्कुराता है,,
ये बचपन वाला खिलौना मुझें बहुत सताता है
ना कुछ पाने की आशा, ना कुछ खोने का डर
बस अपनी ही धुन, बस अपने सपनो का घर
काश मिल जाए फिर मुझे, वो बचपन का पहर.
दौड़ने दो खुले मैदानों में, इन नन्हें कदमों को जनाब
जिंदगी बहुत तेज भगाती है, बचपन गुजर जाने के बाद
बचपन की वो यादें अब भी आती हैं रोते में अब भी वो हँसा जाती हैं|
जो सपने हमने बोए थे नीम की ठंडी छाँवों में,
कुछ पनघट पर छूट गए,कुछ काग़ज़ की नावों में
बचपन के दिन भी कितने अच्छे होते थे
तब दिल नहीं सिर्फ खिलौने टूटा करते थे
अब तो एक आंसू भी बर्दाश्त नहीं होता
और बचपन में जी भरकर रोया करते थे
अब तक हमारी उम्र का बचपन नही गया
घर से चले थे जेब के पैसे गिरा दिए.
झूठ बोलते थे फिर भी कितने सच्चे थे
हम ये उन दिनो की बात है जब हम बच्चे थे
बचपन में माँ से मिले दो रूपए जितने सपने खरीद सकते थे,
आज खुद के कमाए लाखों रूपए भी उतने सपने नहीं खरीद सकते।
अपने बचपन की तस्वीर की और
देखा तो सोचा क्या दौर था
वो भी बचपन का जब ना बाल बनाने आते थे
ना बात बनानी आती थी।
अजीब सौदागर है ये वक़्त भी ,,
जवानी का लालच दे कर ,,बचपन ले गया
बचपन में ऐसा रोता था की पूरा मोहल्ला जान जाता था,
और अब रोता हूँ तो आँखों को भी खबर नहीं होती।
फिर से बचपन लौट रहा है शायद,
जब भी नाराज होता हूँ खाना छोड़ देता हूँ ।
Mahakal Status in Hindi 2 Line
Attitude Yadav Status in Hindi
Bachpan Quotes in Hindi
एक वो बचपन था जब नन्हे क़दमों ने
हर गली को अपने पैरों से नापा था
एक आज है की, ऑफिस के कमरे से
बहार नहीं निकल पाते।
खेलते कम और कूदते ज्याद थे बचपन में
शायद वजह कंधो पर बोझ की कमी थी।
जिस के लिए बच्चा रोया था और पोंछे थे आँसू बाबा ने
वो बच्चा अब भी ज़िंदा है वो महँगा खिलौना टूट गया
अपना बचपन भी बड़ा कमाल का हुआ करता था,,
ना कल की फ़िक्र ,ना आज का ठिकाना हुआ करता था
बचपन की बरसात में हर कोई भीगा होगा पर
कोई उस बरसात से बीमार नहीं हुआ।
ना ही शर्तें होती थी, ना ही नियम-कानून होते थे,
वो बचपन की अदालतें शरारतों की दलील पर चला करती थी।
बचपन में पलकों का वजन ही इतना हलका होता है
की आँख बंद करते ही नींद आ जाती है,
अब पलकों पर आंसुओ का वजन इतना बढ़ गया है
की नींद आना भारी हो गया है।
बचपन में जहाँ चाहा हँस लेते थे जहाँ चाहा रो लेते थे और अब
मुस्कान को तमीज चाहिए और आंसुओं को तन्हाई |
पतंग नहीं मानो आइना था जैसे
आज हवा में उड़ता हुआ मुझे मेरा बचपन दिखाई दिया।
वो बचपन भी क्या दिन थे मेरे न फ़िक्र कोई न दर्द कोई
बस खेलो, खाओ, सो जाओ बस इसके सिवा कुछ याद नही.|
खेल के मतलब नहीं थे बस खेलना ज़रूरी था,
ज़िन्दगी बचपन में कितनी आसान थी
जब इसे काटना नहीं जीना ज़रूरी था।
राजा की तरह बचपन था मेरा,
माँ की गोद मेरा सिंहासन हुआ करता था।
शायद बचपन सबका इसलिए ज़बरदस्त होता है क्यूंकि,
बचपन में ज़िम्मेदारी निभाने की कोई ज़बरदस्ती नहीं होती।
रोने की वजह भी न थी न हंसने का बहाना था
क्यो हो गए हम इतने बडे
इससे अच्छा तो वो बचपन का जमाना था |
बचपन की याद मुझे इतना सताती है,
इस बार लौटेगा तो जाने नहीं दूंगा।
दुआ की थी बचपन में की जल्दी बड़ा हो जाऊं,
आज सोचता हूँ न जाने क्या सोच कर मैंने वो दुआ की थी।
बचपन वो था जब खिलोने टूटने पर रोना आता था
और जवानी वो है जब दिल टूटने पर भी रो नहीं पाते।
आखरी बचपना मैंने बचपन में किया था,
जब से बड़ा हुआ हूँ सिर्फ गलतियां की है।
कौन कहे मा’सूम हमारा बचपन था
खेल में भी तो आधा आधा आँगन था
बंधे नहीं रहते थे किसी ज़िम्मेदारी की ज़ंजीर से बचपन में,
तभी ये नन्हे पॉवं रुकने का नाम नहीं लेते थे।
Bad Boy Attitude Status in Hindi
Bachpan Attitude Status in Hindi
ना जल्दी किसी बात की ना देर हुआ करती थी,
वही वक़्त सही था बचपन का
जब हमे वक़्त तक देखना नहीं आता था।
गुम सा गया है अब कही बचपन
जो कभी सुकून दिया करता था
हर पहलु जीवन का बचपन में बस खेल लगता था
मैदान घर लगता था और घर जेल लगता था।
वो बचपन क्या बीता जब से,
तब से सुकून का एक पल नहीं आया।
हर बात को बचपन में मज़ाक में लिया करते थे,
इन नन्हे गुलाबी होठों को बस हसने का बहाना चाहिए होता था।
बचपन में कमा तो नहीं सकता था, पर खिलौने बहुत खरीदता था
आज कमाता बहुत हूँ पर खिलौने नहीं खरीद सकता।
दम तो नहीं होता उन बचपन के नन्हे हाथों में,
पर फिर भी ज़िद्द इतनी जी-जान से पकड़ते हैं
की पूरी हो ही जाती है।
तभी तो याद है हमे हर वक़्त बस बचपन का अंदाज
आज भी याद आता है बचपन का वो खिलखिलाना
दोस्तों से लड़ना, रूठना, मनाना..
माँ का वो गालों को चूमना, बालों को सवारना,
वो हर शरारत पर प्यार, वो हर गलती पर मारना,
अब वापस कभी लौट कर नहीं आएगा।
भटक जाता हूँ अक्सर खुद ही खुद मे
खोजने वो बचपन जो कहीं खो गया है
बचपन भी कमाल का था
खेलते खेलते चाहें छत पर सोयें
या ज़मीन पर आँख बिस्तर पर ही खुलती थी
पंछी के पंखो से भी हल्का था बचपन,
ना मुझ पर कोई ज़िम्मेदारी थी ना मैं ज़िम्मेदार था।
देर तक हँसता रहा उन पर हमारा बचपना,
जब तजुर्बे आए थे संजीदा बनाने के लिए ।
रोने की वजह भी ना थी, ना हंसने का बहाना था
क्यो हो गए हम इतने बडे इससे अच्छा
तो वो बचपन का जमाना था
वो शरारत,वो मस्ती का दौर था
वो बचपन का मज़ा ही कुछ और था
कुछ यूं कमाल दिखा दे,, ऐ जिंदगी
वो बचपन ओर बचपन के दोस्तो
से मिला दे ऐ जिंदगी
मैं ने बचपन में अधूरा ख़्वाब देखा था कोई,
आज तक मसरूफ़ हूँ उस ख़्वाब की तकमील में
कोई मुझको लौटा दे वो बचपन का सावन
वो कागज की कश्ती ,वो बारिश का पानी
कुछ अपनी हरकतों से
तो कुछ अपनी मासूमियत से उनको सताया था मैंने
कुछ वृद्धों और कुछ वयस्कों को
इस तरह उनके बचपन से मिलाया था मैंने ।
बचपन के खिलौने सा कहीं छुपा लूँ तुम्हें
आँसू बहाऊँ, पाँव पटकूँ और पा लूँ तुम्हें।
कौन कहता है कि मैं जिंदा नही
बस बचपन ही तो गया है बचपना नही
Bachpan Ki Dosti Status in Hindi
ये दौलत भी ले लो ये शोहरत भी ले लो
भले छीन लो मुझ से मेरी जवानी
मगर मुझ को लौटा दो बचपन का सावन
वो काग़ज़ की कश्ती वो बारिश का पानी
होठों पे मुस्कान थी कंधो पे बस्ता था
सुकून के मामले में वो जमाना सस्ता था
खेलने के लिए खिलौने कम बहाने ज्यादा होते थे
सुबह दोपहर शाम हर वक़्त हम चार दोस्त मैदान में होते थे।
माँ और मेरे रिश्ते में ज्यादा फ़र्क़ तो नहीं आया
बस बचपन में माँ की डांट से नाराज़ हुआ करते थे,
आज माँ की डांट से खफा हो जाते हैं।
किताबों की कविताएं बचपन की आज भी याद है,
शायद इसीलिए याद हैं क्यूंकि याद रखने के लिए
दिमाग पर ज़ोर नहीं डाला था।
वो बचपन भी क्या दिन थे मेरे ना फ़िक्र कोई,ना दर्द कोई
बस खेलो, खाओ, सो जाओ बस इसके सिवा कुछ याद नही
कुछ नहीं चाहिए तुझ से ऐ मेरी उम्र-ए-रवाँ
मेरा बचपन, मेरे जुगनू, मेरी गुड़िया ला दे ।
बिलकुल नासमझ थी बचपन की दोस्ती
गुरूजी के एक के कान पकड़े जाने पर
हर गलती का इलज़ाम सब मिल कर सर पर लेते थे।
हर किसी की गोद में बैठता है हर कोई सर पर चढ़ाता है,
गम तो बार बार आते हैं ज़िन्दगी में पर बचपन
ज़िन्दगी में बस एक बार आता है।
आज एक राही को राह में बैठे कुछ सोच कर मुस्कुराते देखा मैं
समझ गया ज़रूर उसे उसका बचपन याद आया होगा।
कोई तो रुबरु करवाओ,, बेखोफ़ हुए बचपन से
मेरा फिर से बेवजह मुस्कुराने का मन है
मैं और मेरा दोस्त हर कोई हमे आवारा कहा करता था
पर बचपने के चलते मासूमियत थी चेहरे पर,
इसलिए हर कोई हमे प्यारा कहा करता था।
जज़्बा बचपन का वो कहाँ खो गया ज़िन्दगी में,
जब पतंग भी उड़ानी थी तो सबसे ऊंचाई पर।
बचपन जब तक था तब तक सिर्फ इतना पता था
की सिर्फ खिलौनो से खेला जाता है,
बड़े हुए तो जाना भावनाओं से भी किसी की खेल सकते है।
देखो बचपन में तो बस शैतान था,
मगर अब खूंखार बन गया हूँ.
आज भी मैदान तो है पर उन पर खेलता
कोई बच्चा नज़र नहीं आता बच्चे तो आज भी है
पहले की तरह बस उनके अंदर अब बचपना नज़र नहीं आता।
जन्मदिन की ख़ुशी तो बचपन में होती थी
जब जन्मदिन पर पैसे कम और दोस्त ज्यादा हुआ करते थे।
मुस्कुराने का मन करता है
तो बचपन को याद कर लेता हूँ
और रोने का मन करता है
तो अपनों को याद कर लिया करता हूँ।
जब तक बच्चे थे बोझ के डर से
कोई सामान तक नहीं उठाने देता था,
थोड़े बड़े क्या हुए घर की सारी ज़िम्मेदारियों का बोझ
मेरे कंधो पर डाल दिया।
Bachpan Ka Pyra Status in Hindi
बच्चों का दिल भी कितना साफ़ होता है
सब खेलते एक साथ है धुप में, पर जलता कोई नहीं है।
काफी रोता था बचपन में एक छोटी सी खंरोच पर
आज दिल भी टूट जाता है तो आँखों को पता नहीं लगने देता।
मैदान में मना करते थे तो गली में खेलते थे
गली में मना हुआ तो छत पर खेलते थे
बचपन में खेलने का फितूर ही ऐसा था
की घर में बैठना गवारा नहीं था।
कल की फ़िक्र करने का वक़्त ही कहाँ था,
मुझे तो बस छत पे पतंग उड़ाने के वक़्त की फ़िक्र थी।
खेल खेलने का कोई वक़्त नहीं था
हर जगह हमारा ही मैदान था,
अनजान था तभी बड़ा होने की ज़िद्द पकड़ी थी
क्या करू नादान था।
एक दोस्तों की कामियाबी पर
हर दोस्त को नाज़ होता था,
वो बचपन की सरलता इतनी सरल कैसे थी
ये भी एक राज़ हुआ करता था
हाथ गंदे रहते थे मिटटी से पर दिल साफ़ होता था
सारी गलती मेरी होती थी पर फिर भी सब माफ़ था।
मुखौटे बचपन में देखे थे, मेले में टंगे हुए
समझ बढ़ी तो देखा लोगों पे चढ़े हुए
आज भी रविवार हर रविवार को आता है
पर पहले जैसा बच्चों का झुण्ड पार्क में दिखाई नहीं देता।
कितना आसान था बचपन में सुलाना हम को,
नींद आ जाती थी परियों की कहानी सुन कर.
कन्धों पर बस्ते और कन्धों पर हाथ
मैं दोस्तों संग अपनी धून में और
दोस्त अपनी धून में मेरे साथ।
वो अखबार बेचता हुआ बच्चा
अपना बचपना दाव पर लगा कर
क्या खूब पैसे कमा रहा था।
बच्चों की आँखों ने ख़्वाब देखना बंद कर दिया है,
अब उनके सपने मोबाइल ही पूरे कर देता है।
अपनी उम्र से अनजान वो बच्चा खेलने की
उम्र में खिलौने बेच रहा था।
बचपन का सुकून आज भी याद आता है,
माँ के हाथों का खाना उनके ही
हाथों से खाना आज बी याद आता है।
वो बच्चा मजबूर मज़दूर का है,
उसका बचपन भी हमारी जवानी से भारी है।
अगर ज़िन्दगी मौसमों का संगम है
तो बचपन इसमें सबसे छोटा और सबसे सुहाना मौसम है।
क्या दोस्ती थी बचपन की हमारी,
हमे मैदान का क्या पता लगा
हम अपने घर का पता भूल गए।
Bachpan ki yaadein in Hindi
आज कल हर बच्चे पर ऐसे बोझ बना रखा है
जैसे सबसे पहले वही बड़ा होने वाला है।
मेरा बचपन भी साथ ले आया
गाँव से जब भी शहर आ गया कोई
मैदान में जमा हो कर जम कर खेलते थे,
काश वो बचपन और वो दोस्ती फिर से लौट आए।
ऐ जिंदगी तू ले चल मुझे,
बचपन के उस गलियारे मे,,
जहाँ मिलती थी हमें खुशियाँ
गुड्डे-गुड़ियों के ब्याह रचाने मे
दोस्तों की लड़ाई कट्टा-अब्बा कर के सुलझ जाती थी
वो बचपन में बाते जुबां पर रखते थे
दिल में रखने की आदत नहीं होती थी।
बचपन में दस रुपए भी दस दोस्त मिल कर खाते थे,
पेट तो नहीं भरता था पर मुस्कुराहटों से ज़िन्दगी भर जाती थी।
भूक चेहरों पे लिए चाँद से प्यारे बच्चे,,
बेचते फिरते हैं गलियों में ग़ुबारे बच्चे
चार दोस्त जो बचपन में हस कर मिला करते थे,
आज वक़्त बीतने पर जब फ़ोन कर लो दफ्तर मिला करते हैं।
जाने कब बीत गए वो दिन बचपन के ना
खबर हुई ना सबर हुआ।
कीचड़ उछालते थे दोस्त बचपन में भी एक दूसरे पर,
बस फ़र्क़ इतना होता थे वो बचपन में बारिश का पानी था।
मेरे रोने का जिस में क़िस्सा है
उम्र का बेहतरीन हिस्सा है
बचपन में भूतों की कहानी सुनकर डरता था मैं
बाथरूम साथ जाने के लिए भाई के पैर पड़ता था मैं
अब कहानी से डर नहीं लगता है मुझे
पर वो भी क्या दिन थे कैसे समझाऊ मैं तुम्हें
स्कूल के पहले दिन मुझे काफी डर लगा
कुछ वक्त बाद मुझे स्कूल अपना घर लगा
आज काफी साल हो गए स्कूल छोड़े मुझे
पर अब भी मुझे स्कूल में अपनापन लगा
बचपन में सब पूछते थे एक सवाल
बड़े होकर बनोगे हकीम या नवाब
आज सालों बाद मिला उसका जवाब
चाहे जो बनें, बचपन खोने का रहेगा मलाल
कभी-कभी स्कूल में मन नहीं लगता था
पर दोस्तों की वजह से स्कूल जाता था
स्कूल के दोस्तों के साथ ही मैं
खुद को हमेशा खुश पाता था।
मां मेरी आंखों में काजल लगाती थी
कुछ देर बाद पूरा काजल फैल जाता था
खुद को दर्पण में देखकर मैं डर जाता था
बचपन में खूब मस्ती थी
पानी में कागज की कश्ती थी
न था कुछ खोने का डर
इसलिए तो जिंदगी हसीन लगती थी
चलो चलते हैं उस बचपन में यार
जहां मिलती थी पापा की डांट और मां का प्यार
मम्मी के पिटाई से डरता था
मम्मी की बहुत परवाह करता था
पर कभी-कभी मस्ती में ही मैं
अक्सर मम्मी से लड़ता था
बांसुरी लिए नटखट गोपाल बना था मैं
कृष्णा की तरह मयूर पंख लगाए सजा था मैं
पापा की जेब से पैसे लेते पकड़ा जाता था मैं
कह देता था झूठ कि चोरी नहीं करता हूं मैं
बचपन में स्कूल के टेबल को बजाना
टीचर के ना होने पर गाना गाना
इतना आसान नहीं है
उन हसीन लम्हों को भूल जाना
बचपन की मासूमियत शायरी
मां बचपन में बहन के कपड़े पहना देती थी
बहनों के साथ ही खेलने के लिए भेज देती थी
अब बहने मुझे उन दिनों को लेकर चिढ़ाती हैं
बात-बात पर तू मेरी बहन है बोलकर सताती हैं
घर वाले होते थे मेरी शरारतों से परेशान
लेकिन मुझ में ही बसती थी उनकी जान
मिट जाती थी उनकी हर एक थकान
जब देखते थे वो मेरे बचपन की मुस्कान
मुट्ठी में दुनिया सारी लगती है
बचपन की तो हर एक चीज प्यारी लगती है
बचपन में घर छोड़कर जाने की धमकी देता था
एक दिन मम्मी ने सामान पैक कर दिया तो डर गया
तब से घर छोड़कर चला जाऊंगा बोलना छोड़ दिया
साइकिल से स्कूल जाते हुए मस्ती करना
एक-दूसरे की साइकिल को खींचते हुए लड़ना
बहुत ही हसीन वक्त था वो भी
अब तो उन यारों से बहुत कम होता है मिलना
रोते-रोते जब सुबह जागते थे
याद है वो दिन जब हम स्कूल से भागते थे
स्कूल के यार अब भी साथ हैं,
उनका प्यार अब भी मेरे पास है
बचपन में मम्मी लड़की के कपड़े पहनाती थी
कई बार आंखों में काजल भी लगाती थी
बचपन के कुछ साल लड़की बनकर जिया
भूतों की कहानी से डर लगता था
पर मैं नहीं डरता ये सबसे कहता था
पर सबको पता था कि मुझे रात के अलावा
भूतों से दिन में भी डर लगता था
बचपन में जब करते थे मनमानी
दिल में छिपी होती थी नादानी
जब खाते थे मम्मी से मार
तो याद आती थी दादी-नानी
बचपन के दिन सबसे खास होते हैं
इस समय सभी अपने पास होते हैं
जब पढ़ाई के लिए कोई घर से दूर जाता है
तब घर वालों को याद करके रोता है।
बचपन में अमरूद चोरी करता था
बगीचे का रखवाला जब आ जाता था
तब मैं बहुत ज्यादा डरता था
फिर जोर-जोर से रोकर मम्मी-मम्मी करता था
बचपन का मजा ही कुछ और था
हर तरफ मस्ती और शरारतों का दौर था
बचपन में न चिंता थी और न फिक्र
अब रहता है करियर का डर
साइकिल से गिरने का डर लगा रहता था
तेरा दोस्त हूं, मुझे ना गिराना साइकिल से कहता था
यह देख मेरे बाकी दोस्त मुझपर हंसते थे
वे साइकिल के लिए मेरी भावना को नहीं समझते थे।
खुशियों से अपनी दुनिया सजाएं
जहां बिना टेंशन खूब नाचे गाएं
अपने मन के गीत गुनगुनाएं
क्यों न एक बार फिर बचपन में खो जाएं
जब भी बैठता हूं अकेले तो बचपन की याद आती है
सोचता हूं यही कि पल भर में ये दुनिया कैसे बदल जाती है
बचपन में मां की गोद में सुकून था
हर वक्त कुछ नया करने का जूनून था
बचपन में स्कूल में मन नहीं लगता था,
कहनी सुनने के लिए देर तक जगता था,
जब-जब स्कूल की परीक्षा आने लगती थी,
तब-तब मैं बीमार होने का बहाना करता था
अब मैं अक्सर अपने बचपन को याद करता हूं
वो दिन फिर से लौटा दे खुदा से फरियाद करता हूं
बहुत ही हसीन थे मेरे बचपन के दिन
फिर से वो दिन आ जाएं ऐसी आस रखता हूं
बचपन स्टेटस इन हिंदी
स्कूल की किताबों में मन नहीं लगता था
पढ़ाई करने के लिए रातों को नहीं जगता था
अब सारी-सारी रात रिसर्च पेपर पढ़ता हूं
पर बीच-बीच में बचपन की यादों में खो जाता हूं
रिक्शेवाले का घर के बाहर आवाज लगाना
रोज नया बहाना कर के स्कूल न जाना
कुछ ऐसा ही होता था बचपन में हमारा कारनामा
बचपन में मां के आंचल में सुकून था
बहुत कुछ कर जाने का जुनून था
बड़े हुए तो सब भूल गए
रेत पर लिखे थे सपने लहरों से धुल गए
बचपन की हर शाम होती थी सुहानी
जब नानी की गोद में बैठकर सुनते थे परियों की कहानी
जब होती थी पढ़ाई में उलझन
तो कर लेता था टीवी का दर्शन
काश वापस लौट आता वो क्षण
जिसमें मिल पाता मुझे मेरा बचपन
सुबह उठकर नहाना नहीं चाहता था
हर दिन स्कूल जाना नहीं चाहता था
इसलिए स्कूल बंद हो जाए
ऐसी रोज भगवान से प्रार्थना करता था
मम्मी ने बहुत पिटाई की है
बचपन मम्मी के खौफ में गुजारा है
पर यादगार हैं वो सभी दिन
जिन्हें मैंने मम्मी के साथ गुजारा है
जब भी देखता हूं बच्चों का खिलौना
याद आता है बचपन का दिन अपना
बचपन में किसी पर भी भरोसा कर लेते थे
छोटी-छोटी बातों के लिए लड़ लेते थे
अब तो न किसी पर भरोसा होता है
और न ही किसी से लड़ना होता है
खेल में इतने मग्न रहते थे
घर जाना भूल जाते थे
बचपन में कभी-कभी
स्कूल में पढ़ाई के दौरान सो जाते थे।
इन कंधों पर बोझ अभी न बढ़ने दो
अभी तो यह केवल बचपन है
इसे जरा खुल के खिलने दो
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Bachpan Status in Hindi 2 Line
गांव की बचपन की यादें
टेबल में कौन साथ बैठेगा
इस बात पर लड़ा करते थे
टीचर के सवाल का जवाब न देने पर
हाथ उठाकर खड़े हुआ करते थे
जीवन चलाने के लिए खिलौनों को बेचना है
दिल कहता है उन खिलौनों से अब भी खेलना है
जिंदगी के इस दस्तूर को मुझे अभी आगे तक झेलना है
बचपन में हम बुद्धू हुआ करते थे
खिलौनों से भी दोस्ती कर लिया करते थे
खेल-खेल में ही कई बार
उन खिलौनों से लड़ लिया करते थे
बात है उन दिनों की जब हम बच्चे थे
बोलते थे झूठ लेकिन लगते सच्चे थे
सब कहते थे हम बहुत अच्छे थे
असल में तो हम अकल के कच्चे थे
जब भी बचपन की याद आती है
चेहरे पर मुस्कान आ जाती है
तब नई चीजें पाने के लिए रूठा करते थे
अब रूठने पर भी कुछ नहीं मिलता है
स्कूल में सब होम वर्क नकल करते थे
बेस्ट फ्रेंड के लिए दूसरे से लड़ते थे
स्कूल की लड़ाई दूसरे दिन भूल जाते थे
फिर सभी आपस में दोस्त बन जाते थे
न थी चिंता न थी कोई फिक्र
याद आया आज वो बिता लम्हा
जब तुमने किया बचपन का जिक्र
जिंदगी की परेशानियों से बचपन के दिन अच्छे थे
भले ही थी कुछ बंदिशे
लेकिन यकीन मानो हम बच्चे ही अच्छे थे।
जिंदगी के सफर में बढ़ना सिखा देना मां
जो कभी थक के हार जाऊं, तो एक बार फिर
बचपन की तरह चलना सिखा देना मां
वो दिन थे बेहद खास
जब मम्मी पापा होते थे पास
अब तो जिंदगी से है बस यही आस
दोबारा बचपन लौट आए मेरे पास
बचपन में अपना अलग ही याराना था
जिंदगी की राह में बस चलते जाना था
न थी सुबह की खबर, न शाम का ठिकाना था
हर मुसीबत में बस हमें मुस्कुराना था
भगवान अब के जो मेरी कहानी लिखना
बचपन में ही मर जाऊ ऐसी जिंदगानी लिखना
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2 Line Mahakal Status in Hindi
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